अब सरकारी हेलीकॉप्टर से सस्ते किराए में हिमाचल का सफर कर पाएंगे आम लोग सफेद बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियों को चीरते 'हंस' में उड़ान का लुत्फ कौन नहीं लेना चाहता. हिमाचल प्रदेश की सरकार ने अब आम लोगों के लिए 'पवन सैर' को संभव कर दिया है. दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना वीआइपी हेलिकॉप्टर पवन हंस को पर्यटकों को चंडीगढ़ से शिमला रूट पर उड़ान भरने के लिए दे दिया है.
फिलहाल सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को आम लोग इसमें सफर कर रहे हैं. इसे दिल्ली की कनेक्टिंग उड़ान के साथ जोड़ा गया है. 4 जून को शुरू हुई इस सेवा में 80 फीसदी सीटें भरी गईं. इसका किराया करीब 2,999 रु. था. पवन हंस की वेबसाइट पर इसकी बुकिंग हो रही है.
दरअसल, सरकार ने जिस चॉपर को पांच साल के लिए किराए पर लिया था, वह 40 घंटे भी उड़ान नहीं भर पा रहा था, जबकि उसे एक साल में 480 घंटे की उड़ान पूरी करनी है. अब राज्य पर्यटन निगम उससे पैसा कमाएगा और लोगों को भी सुविधा होगी.
हालांकि अरसे से राज्य सरकार के पास सिर्फ एक हेलिकॉप्टर है. अब सरकार तीन हेलिकॉप्टर खरीद रही है. इनमें से एक विशेष तौर पर उन कबाइली क्षेत्रों के लिए होगा जहां जरूरत का सामान और लोगों का आवागमन सुचारू किया जा सके. सिर्फ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कबाइली क्षेत्रों की उड़ान के लिए केंद्र सरकार 75 फीसदी सब्सिडी देती है.
पर एक ही हेलिकॉप्टर होने से सरकार इस सुविधा का पूरा लाभ नहीं उठा पा रही थी. राज्य के पर्यटन सचिव राम सुभाग सिंह कहते हैं, ''अभी दो करोड़ रु. की सब्सिडी ले रहे थे पर अब 10-12 करोड़ रु. सब्सिडी की गुंजाइश है.''
वहीं उड़ान-दो योजना के तहत शिमला, मंडी, कुल्लू, धर्मशाला और सोलन से पवन हंस और उड़ानें शुरू करने जा रहा है.
मुख्यमंत्री कहते हैं, ''पहाड़ों में बड़ी हवाई पट्टियां बनाने में दिक्कत होती है. हमने प्रयास किया है कि हेलिकॉप्टरों के जरिए आम लोग घूम सकें. हम हेलीपैड बना रहे हैं और बड़ी हवाई पट्टियों को भी बनाने की कोशिश होगी.''
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