अंतिम अद्यतन: 19/08/2020
सहज शुरूआत
किसी भी उद्योग में किसी भी संगठन के लिए अग्रणी स्थान हासिल करने, राष्ट्रीय स्तर की सफलता और राष्ट्र के लिए गौरव प्राप्त करने के लिए एक शताब्दी के चौथाई भाग का समय बहुत ही कम होता है । इस पर भी पवन हंस लिमिटेड द्वारा तेल एवं गैस अंवेषण सेक्टर के लिए दी गई सेवाओं तथा देश के दूरवर्ती क्षेत्रों से सम्पर्कता के अत्यंत महत्वपूर्ण परिवहन सेक्टर के लिए प्रदत्त सेवाओं में अपने प्रमुख योगदान से ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त करके दक्षिण एशिया में हैलीकॉप्टर तथा सेक्टर से संबंधित व्यापक सेवाओं के सबसे बड़े प्रचालकों में अपना स्थान बना लिया गया है।
उत्कृष्टता की उड़ान
दिनांक 15 अक्तूबर, 1985 को निगमन के पश्चात पवन हंस की पहली वाणिज्यिक उड़ान ओएनजीसी के लिए दिनांक 6 अक्तूबर, 1986 को दो हैलीकॉप्टरों के साथ जुहू हवाईअड्डा, मुम्बई से ऑफशोर रिग्स के लिए प्रारम्भ हुई थी । जब पवन हंस का गठन किया गया था तब भारतीय कम्पनियों द्वारा हैलीकॉप्टर प्रचालन लगभग नहीं किए जाते थे तथा इस क्षेत्र के लिए विशेषज्ञता भी काफी सीमित हुआ करती थी । प्रचालन प्रारम्भ करने के एक वर्ष के भीतर ही पवन हंस ने ओएनजीसी में सेवाएं प्रदान कर रहे सभी विदेशी हैलीकॉप्टर प्रचालकों का स्थान ले लिया जिसके परिणामस्वरूप अति मूल्यवान विदेशी मुद्रा का बाहर जाना बन्द हुआ और राष्ट्रीय हित में बचत हो सकी।
विमानन क्षेत्र में मानव संसाधनों की समृद्धि
समय व्यतीत होने के साथ साथ पवन हंस द्वारा भारतीय विमानन के इतिहास में सफलता के नए वृतांत दर्ज किए गए हैं । विभिन्न प्रकार की क्रियाओं के लिए हैलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करके, अवसंरचना का निर्माण करते हुए तथा समग्र राष्ट्र के लिए हैलीकॉप्टर सेवाओं के संरक्षा स्तर में संवर्धन करते हुए पवन हंस द्वारा भारत के विमानन सेक्टर में अनुकरणीय नेतृत्व का स्थान प्राप्त कर लिया गया है ।
आशाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति के लिए उड़ान तत्पर बेड़ा
आज, पवन हंस को केवल इसलिए नहीं जाना जाता है कि इसने मिलियन से अधिक घंटों की उड़ान पूरी कर ली है तथा ऑफशोर/ऑनशौर के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है तथा ई एंड पी सेक्टर में निगरानी के लिए लाखों बार लैंडिग की है । वस्तुत: एक वृहद विचार से पवन हंस ने पूर्वोत्तर राज्यों के साथ साथ अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह तथा देश के अन्य अनेक दूरवर्ती क्षेत्रों के लिए विश्वसनीय सम्पर्कता प्रदान करके इन क्षेत्रों को राष्ट्र की मुख्य धारा के साथ जोड़ने की संतुष्टि का भाव भी प्रदान किया है ।
बहु-आयामी विशेषज्ञता का सामर्थ्य
पवन हंस द्वारा ट्रांसमिशन टावर ट्रांसफार्मरों की हॉटलाइन धुलाई के लिए उच्च स्तर के सूक्ष्म उड़ान कार्यों में भी अपना योगदान दिया गया है । धुलाई के कार्य आकाश में मंडराते हैलीकॉप्टरों से किए जाते हैं जबकि इस दौरान पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क बिना किसी अवरोध के जारी रहता है । पर्यटन प्रोत्साहन के क्रियाकलापों के अंतर्गत सम्पूर्ण सुविधाओं तथा सुरक्षा से युक्त हैली-तीर्थयात्रा तथा दर्शनीय सेवाओं के लिए यात्रियों को उनके वांछित गंतव्य तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी पवन हंस लिमिटेड में अंतर्निहित है । अत्याधिक महत्वपूर्ण व्यक्तियों के परिवहन के अलावा पवन हंस द्वारा आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के लिए खोज एवं बचाव प्रचालन तथा आंतरिक कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आकाशीय सहायता जैसे विविध एवं अत्याधिक जोखिम वाले प्रचालन भी किए जाते हैं । भारत में यात्रा तथा पर्यटन के विकास के लिए पवन हंस लिमिटेड द्वारा जॉय राईड्स, विवाह, जन्मदिन, उत्पाद लॉंच, फसल के लिए बिछराव तथा अन्य अनेक प्रकार की चार्टर सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ।
शेयरधारिता स्वरूप
पवन हंस लिमिटेड के वित्तीय निष्पादन का स्वरूप कुछ इस प्रकार है कि इसके 51% शेयरों का स्वामित्व भारत सरकार के पास है तथा 49% शेयरधारिता ओएनजीसी के पास है । भारत में हैलीकॉप्टर सेवाओं की तेजी से बढ़ती हुई मांग तथा अपने दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर पवन हंस लिमिटेड द्वारा अपने पवन हंस हैलीकॉप्टर प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से मानव संसाधन विकास के कार्य किए जाते रहे है । इस संस्थान द्वारा अनुभव एवं विशेषज्ञता के विभिन्न स्तरों पर अत्याधुनिक पॉयलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के साथ साथ अनुरक्षण के विभिन्न क्षेत्रों में विद्यार्थियों को नागर विमानन महानिदेशालय की लाइसेंस परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं ।
विमानन संरक्षा - सभी क्रियाकलापों में सर्वाधिक प्रमुख
हैलीकॉप्टर प्रचालनों के संरक्षा मानकों के संबंध में उत्साह संवर्धन के लिए पवन हंस लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय विमानन संरक्षा एवं सेवा संस्थान की स्थापना की गई है, जहां न केवल अत्याधुनिक एवं उच्च स्तरीय मानव संसाधन विकास, अनुसंधान एवं विकास तथा सतत् शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विमानन संरक्षा का आधार रखा जाता है अपितु वैश्विक मानकों के अनुरूप संरक्षा के नए मानकों के प्रतिपादन में भी सहायता प्रदान की जाती है । निकट भविष्य के लिए तैयार की गई योजनाओं के अंतर्गत विद्यमान 43 हैलीकॉप्टरों के विमान बेड़े में न केवल और अधिक हैलीकॉप्टर जोड़े जाने की योजना है अपितु देश में अन्य विमानन संस्थान प्रारम्भ करने, हैलीपोर्टों तथा हैलीपैडों का विकास करने और वैश्विक विमानन नेतृत्व के साथ एकरूपता स्थापित किए जाने की योजनाएं भी हैं ।
विविधीकरण - रोटरी विंग से
पवन हंस लिमिटेड द्वारा 30 वर्षों की यात्रा में अपनी सेवाओं के अम्बार में से समाज के लाभार्थ किए गए कार्य आज मात्र हैलीकॉप्टर सेवाओं तक ही सीमित नहीं हैं । पवन हंस में अब हैलीपोर्टों / हैलीपैडों के विकास, ऐम्फीबियन तथा फिक्स्ड विंग्स वाले छोटे विमानों के प्रयोग से शीघ्र ही शुरू की जाने वाली सेवाओं के माध्यम से अपने प्रचालनों के विविधीकरण की योजना पर कार्य किया जा रहा है जिससे यह प्रतीत होता है कि पवन हंस समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को ढाल रहा है ।
नए आकाश छू कर उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदम
पवन हंस लिमिटेड द्वारा अतीत में प्राप्त गौरवान्वित उपलब्धियों तथा खरी प्रमाणित की गई चुनौतियों को संजोकर नई आशाओं से भरे अपने चौथे दशक में उत्कृष्टता की प्राप्ति तथा पूर्ण आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़कर विमानन के क्षेत्र के नवयुग में भारत को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रवाह के साथ कदम बढ़ा दिए गए हैं ।