नियमावली के नियम 13(1) के साथ पठनीय अधिनियम के खंड 138(1) के प्रावधानों का अनुसरण करते हुए निम्नलिखित श्रेणी की कम्पनियों से आंतरिक लेखा परीक्षक अथवा आंतरिक लेखा परीक्षकों की किसी फर्म की नियुक्ति की अपेक्षा की गई है :-
- (क) प्रत्येक सूचीबद्ध कम्पनी
- (ख) प्रत्येक सूचीबद्ध सार्वजनिक कम्पनी जिसके पास:
- पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान पचास करोड़ रूपए अथवा अधिक की चुकता शेयर पूंजी ; अथवा
- पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान दो सौ करोड़ रूपए अथवा अधिक की टर्नओवर ; अथवा
- पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान किसी भी समय बैंकों अथवा सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों से एक सौ करोड़ रूपए अथवा अधिक का बकाया ऋण अथवा उधार, अथवा
- पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान किसी भी समय पच्चीस करोड़ रूपए अथवा अधिक बकाया जमा ; तथा
- (ग) प्रत्येक सार्वजनिक कम्पनी जिसके पास :
- पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान दो सौ करोड़ रूपए अथवा अधिक की चुकता शेयर पूंजी ; अथवा
- पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान किसी भी समय बैंकों अथवा सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों से एक सौ करोड़ रूपए अथवा अधिक का बकाया ऋण अथवा उधार ; अथवा
आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए कार्य क्षेत्र, आवधिकता कार्य प्रणाली :
अधिनियम के खंड 138(2) के प्रावधानों के अंतर्गत आंतरिक लेखा परीक्षा के संचलन तथा उसकी प्रस्तुति निदेशक मंडल को किए जाने के अंतराल के संबंध में नियमों के माध्यम से केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्धारण किए जा सकते हैं । इसके अलावा नियमावली के नियम 13(2) के अनुसार कम्पनी अथवा निदेशक मंडल की लेखा परीक्षा समिति द्वारा आंतरिक लेखा परीक्षक के परामर्श से आंतरिक लेखा परीक्षा के संचलन के लिए कार्यक्षेत्र का निरूपण, कार्य प्रणाली, आवधिकता तथा प्रक्रिया विधि का निर्धारण किया जाना है ।
इस अधिनियम तथा नियमावली में आंतरिक लेखा परीक्षा के संचलन के लिए कार्यक्षेत्र, कार्य प्रणाली, आवधिकता तथा प्रक्रिया विधि का चित्रण नहीं किया गया है । तथापि, उक्त शक्तियां कम्पनी के निदेशक मंडल अथवा लेखा परीक्षा समिति को प्रदान की गई हैं ।
अन्य शब्दों में, आंतरिक ऑडिटिंग एक ऐसी यंत्रव्यवस्था है जिसका संचलन कम्पनी के निदेशक मंडल /लेखा परीक्षा समिति द्वारा किया जाता है तथा इसकी संरचना संगठन की विभिन्न क्रियाओं को विचार में लेते हुए की जाती है ।
पवन हंस लिमिटेड के आंतरिक लेखा विभाग में 4 अधिशासी कार्यरत हैं जिनमें विभाग प्रमुख का दायित्व एक उप महाप्रबंधक, दो प्रबंधक (नियमित) तथा अनुबंध पर कार्यरत एक कनिष्ठ अधिशासी है ।
आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग निगमित कार्यालय, कम्पनी के सभी क्षेत्रों तथा बेस का आंतरिक लेखा परीक्षा करने तथा निदेशक मंडल को आंतरिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के प्रति उत्तरदायी है । विभाग द्वारा आंतरिक लेखा परीक्षा के दायित्वों के निर्वाह के अतिरिक्त वरिष्ठ प्रबंधन के अनुरोध पर विशेष जांच तथा संबंधित मूल्य संवर्धित कार्य भी किए जाते हैं ।
आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग की स्थापना से ज्ञान एवं विद्वत्ता के संचय, विशेषज्ञता का विकास, व्यावसायिक ज्ञान से युक्त कार्मिक, लेखा परीक्षिति की ग्रहणशीलता, गोपनीयता तथा विविध प्रकार के निरीक्षणों के संचलन के लिए संसाधनों की उपलब्धि सहित अनेक लाभ प्राप्त होते हैं ।
लेखा परीक्षा के दायरे में प्रचालन, सामग्री, भंडार, अभियांत्रिकी , वित्त एवं लेखा, प्रशासन, मानव संसाधन,विपणन, सूचना प्रौद्योगिकी, संरक्षा एवं सम्बद्ध क्रियाकलाप एवं अन्य विभाग आते हैं ।
लेखा परीक्षा के अंतर्गत सांविधिक एवं गैर-सांविधिक अनुपालनों की रिपार्टिंग के साथ साथ प्रचलित प्रणाली एवं प्रक्रियाओं की कार्य कुशलता एवं प्रभावोत्पादकता के मूल्यांकन की भी व्यवस्था की गई है ।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति पवन हंस लिमिटेड की प्रतिबद्धता सदैव से ही स्थापित है । पिछले एक दशक से भी अधिक समय से हमने हमारे कर्मचारियों के स्वास्थ्य के संभावित जोखिमों को कम करने, पर्यावरण में न्यूनतम उत्सर्जन करने तथा अस्वास्थ्यकर उत्पादन में कमी लाने एवं अपशिष्ट के निपटान के लिए प्रक्रियाओं की वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों को अपनाया है ।
पवन हंस लिमिटेड द्वारा नागर विमानन महानिदेशालय जैसे विनियामकक प्राधिकरणों के साथ घनिष्ठता से कार्य करते हुए संभावित एवं वास्तविक संदूषण की समस्या के निपटान के लिए कार्य किए जा रहे हैं । पवन हंस लिमिटेड द्वारा उड़ान प्रचालनों के लिए संरक्षा के मूल्यों का संज्ञान किया गया है ।